Understanding Snow & Avalanches (H)

हमारे साथ बर्फ से ढके इलाकों में शून्य से भी कम तापमान में ग्राउंड जीरो पर पहली बार खतरों का आकलन कीजिए। हिमालय के शिखरों को तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है, क्योंकि ये ध्रुवीय क्षेत्रों से परे सबसे बड़े बर्फ के घर हैं। हिमपात की अपनी चुनौतियाँ होती हैं और मनाली, हिमाचल प्रदेश में रक्षा भू-विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला, जिसे पहले हिम तथा अवधाव संस्थान (एसएएसई) कहा जाता था, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का एक भाग है, जहां भारत की अपनी ही तरह की एकमात्र प्रयोगशाला है, जो बर्फ के खतरों पर नजर रखता है और हिमस्खलन का पूर्वानुमान लगाता है, इसी के साथ यह बर्फ से होने वाले खतरों को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदान करता है। ये संस्थान हिमालय में बर्फ की निगरानी करने के लिए, कंप्यूटर मॉडल, उपग्रह इमेजरी, स्वचालित मौसम केंद्र और वेधशालाओं की श्रंखला का उपयोग करता है। इसके अलावा हमारे साथ मिलिए एक ऐसी शख्सियत से जिसने कश्मीर में हिमस्खलन का सामना किया है, देखिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सय्यद अता हसनैन के साथ एक चर्चा। साथ ही मिलिए एक संरचनात्मक भूविज्ञानी और इस सुविधा के प्रमुख डॉ. लोकेश कुमार सिन्हा से और देखिए शीत प्रयोगशाला के अन्दर का दुर्लभ नजारा।

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