India’s COVID-19 Biobank (H)

"इनसाइड इंडियाज कोविड—19 बायोबैंक ज्यादातर लोग कोरोना के एक पॉजिटिव नमूने को संभालने में भी डर जाएंगे, लेकिन इस विशाल बायोबैंक में 5000 से अधिक कोविड -19 पॉजिटिव नमूनों को रखा जाता है, उन्हें यहां इसलिए रखा जाता है, ताकि वैज्ञानिक और डॉक्टर कोरोना पर काम कर सकें ताकि भारत जल्द से जल्द कोविड -19 महामारी से मुक्ती पा सके। कोविड -19 रोग को बेहतर ढंग से समझने के के क्रम में, समुचित जानकारी लेने के बाद स्वयंसेवकों की भर्ती की जाती है और इन संक्रमित रोगियों के जैविक नमूनों को प्रासंगिक नैदानिक ​​​डेटा के साथ एक विशाल भंडार में इकट्ठा किया जाता है। फिर इन नमूनों को अति विशिष्ट रेफ्रिजरेटर में शून्य से अस्सी डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया जाता है। यह बायो-बैंक, ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) में एक सुरक्षित और बायो सेफ फैसिलिटी में स्थित है। उसके बाद ये नमूने डायग्नोस्टिक किट विकसित करने में उपयोग होते हैं, इनसे विशेष जैव-परीक्षण किए जाते हैं, तथा विभिन्न प्रकार के कोविड -19 के टीकों की प्रभावशीलता का विश्लेषण करने में मदद मिलती है। शिंजिनी भटनागर, एक बाल रोग विशेषज्ञ और प्रशिक्षित शोधकर्ता हैं और उनकी टीम लंबे समय से इन जैव-नमूनों का अध्ययन और भंडारण कर रही है। यह दीर्घकालिक भंडारण और अध्ययन सार्स कोव—2 वायरस के इस नए संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण करने में मदद करते हैं।"

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