Ensuring Clean Water for India (H)

जल ही जीवन है, पृथ्वी की सतह का लगभग सत्तर प्रतिशत हिस्सा जल है और धरती पर इंसानों का भी लगभग उतना ही अनुपात है। पानी एक असाधारण अणु है, जिसकी संरचना काफी सरल है, लेकिन इसमें जीवन देने वाले असाधारण गुण हैं। भारत पानी के मामले में तृप्त है, या ​फिर प्यासा? भारत में बर्फ का 'तीसरा ध्रुव' है और इस प्रायद्वीप के तीनों तरफ पानी है, तो क्या हमें भारत को पानी से समृद्ध मानना चाहिए? इतना सब होने के बावजूद, ताजे पानी की कमी सिर्फ इसलिए हो रही है, क्योंकि प्रदूषण के कारण पानी का बड़ा हिस्सा दूषित हो रहा है। भारत नदियों की भूमि है। लेकिन नदियों को साफ करने के हमारे पास कौन से उपाय हैं? नैनो-प्रौद्योगिकी में दूषित पानी को साफ करने के समाधान हैं। नैनो-तकनीकी आविष्कारों से, डॉक्टर टी प्रदीप पानी से बड़े पैमाने पर आर्सेनिक और यूरेनियम को हटाने का काम अपनी प्रयोगशाला में कर रहे हैं। प्रोफेसर प्रदीप ने, इस पर न केवल 500 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, बल्कि उनके नाम पर लगभग 125 पेटेंट भी हैं। ये वास्तव में 'क्लीन वाटर टेक्नोलॉजी मैन ऑफ इंडिया' हैं। उन्होंने कई स्टार्ट अप की भी मदद की है, जिनमें से एक हवा में से ताजे पानी को टैप करने में मदद कर रहा है और दूसरा पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहा है। भारत के लिए स्वच्छ जल का भविष्य क्या है, क्या स्वच्छ पेयजल आने वाली पीढ़ियों को मिल सकेगा?

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