Unlocking space & Atomic Energy Sectors In India (H)

इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया है कि परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के दो रणनीतिक क्षेत्र, जो अब तक निवेशकों के लिए बंद थे, उन्हें अब निजी निवेश के लिए खोला गया है। डॉ. जितेंद्र सिंह स्वयं एक चिकित्सक हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय में अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और उत्तर—पूर्व क्षेत्र मामलों के केंद्रीय मंत्री हैं। वे बताते हैं, कि सरकार ने कैसे अधिकांश प्रतिबंधों को हटाया और मानचित्र बनाने तथा भू-स्थानिक नीति को भी उदार बनाया है। भारत, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी दोनों में सामंजस्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब आत्मनिर्भर भारत या आत्मनिर्भरता नीति के रूप में सरकार ने निजी क्षेत्र का तेजी से विकास करने का फैसला किया है। भारत, निजी क्षेत्र के कर्णधारों की मदद करने और इनकी सुविधा के लिए, नए कानून लाने की उम्मीद में एक नई संस्था की स्थापना कर रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग निजी भागीदारी के तहत पहला शोध रिएक्टर बनाने पर भी विचार कर रहा है। हाल ही में भारत के सबसे बड़े स्वदेश निर्मित 700 मेगावाट के संयंत्र(PHWR) यानी प्रेशराइज़्ड हैवी वाटर रिएक्टर को गुजरात के काकरापार में लगाया गया है। इस एपिसोड में वो भारत द्वारा किए गए कोविड -19 महामारी के प्रबंधन की जानकारी देते हैं और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने काम करने के अनुभव को भी साझा करते हैं।

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