Supercomputers - Harnessing Data, Accelerating Growth (H)
सौर प्रणाली की खोज से लेकर मौसम का पूर्वानुमान लगाने तक और जटिल संख्यात्मक मॉडलिंग डेटा को संसाधित करने से लेकर, परिष्कृत अंतरिक्ष कार्यक्रम चलाने तक में - सुपर कंप्यूटर अब भारत और दुनिया में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का एक अभिन्न हिसा बन गए हैं। दुनिया विज्ञान, औद्योगिक और समाजिक विकास में , एक रणनीतिक उपकरण के रूप में हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देख रही है। सुपर कंप्यूटर, आर एंड डी यानी अनुसंधान और विकास की क्षमताओं को बढ़ाते हैं, जिसमें जीनोमिक्स और दवाओं की खोज के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करना, पर्यावरण के मुद्दों का अध्ययन करना और दूरसंचार नेटवर्क को अनुकूलित करना शामिल है। सुपर कंप्यूटर हमारे जीवन को, कुछ इस तरह से प्रभावित करते हैं, जिसके बारे में हम ज्यादातर अनजान हैं। जैसेकि मौसम का अध्ययन करना, गाड़ी चलाते समय नेविगेट करना, और यहां तक कि अपने बैंक खातों का प्रबंधन करना। दुनिया के 500 सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर की सूची में, पहले तीन स्थानों पर जापान के सुपरकंप्यूटर फुगाकू हैं, इसके बाद यूएसए के 'समिट और सिएरा हैं; भारत के दो सुपर कंप्यूटर - परम सिद्धि-एआई और मिहिर ने भी दुनिया के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों की इस विशिष्ट सूची में अपनी जगह बनाई है। और इन सुपर कंप्यूटरों की मदद से विभिन्न अनुप्रयोगों में विभिन्न लाभ उठाने की कवायद तेज हो गई है। भारत सरकार ने 2022 तक पूरे देश में 73 स्वदेशी सुपर कंप्यूटर स्थापित करने के लिए, राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन की शुरुआत की है। राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन को डीएसटी यानी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है तथा सी-डैक और भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में, हम विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे, भारत के स्वदेशी रूप से विकसित कुछ सुपर कंप्यूटरों पर करीब से नज़र डालेंगे और समझेंगे कि ये हाई कंप्यूटिंग सिस्टम कैसे काम करते हैं और किस प्रकार भारत के विकास को गति देते हैं। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में और भी काफी कुछ, देखिए, केवल इंडिया साइंस पर।