India's Flight In Aerospace Manufacturing (H)

क्या आप जानते हैं, कि भारतीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कंपनियां दुनिया की अग्रणी एयरोस्पेस कंपनियों, जैसे कि बोइंग और एयरबस के लिए, काफी परिष्कृत और महत्वपूर्ण पुर्जों का निर्माण कर रही हैं - उदाहरण के लिए टाटा बोइंग एयरोस्पेस कंपनी - बोइंग कंपनी और टाटा एडवांस्ड सिस्टम के बीच एक संयुक्त उद्यम है। जो बोइंग के घातक, AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए एयरो-स्ट्रक्चर बनाती है, जिसमें इसके फ्यूजलेज, सेकेंडरी स्ट्रक्चर और वर्टिकल स्पार बॉक्स शामिल हैं। या यूरोपीय कंपनी, एयरबस ग्रुप, जो एयरबस सीरीज के प्लेन बनाती है, ये भारत से लगभग एक बिलियन डॉलर मूल्य के पुर्जे प्राप्त करती है, दरअसल हर वाणिज्यिक विमान या हेलीकॉप्टर जो एयरबस बनाती है, उसके पुर्जे, डिजाइन या तकनीक बनाने में भारत का हाथ होता है- फिलहाल लगभग 300 भारतीय प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ता, दुनियाभर में, विमानन आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े हुए हैं, ये महत्वपूर्ण प्रणालियों और घटकों का निर्माण करते हैं, जिनमें एयरोस्ट्रक्चर, वायर हार्नेस, कंपोजिट, एवियोनिक्स मिशन सिस्टम शामिल हैं। भारतीय कंपनियों की सफलता का सीधा संबंध उस प्रोत्साहन से है, जो भारत सरकार ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के जरिए विमानन और रक्षा क्षेत्र को दिया है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के एपिसोड में, हम आपको वैश्विक विमानन निर्माण क्षेत्र की एक अग्रणी भारतीय कंपनी, डायनेमेटिक टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता की एक खास यात्रा पर ले जाएगें, जो एयरबस, बोइंग, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और बेल हेलीकॉप्टर के साथ मिलकर काम करती है। डायनेमेटिक्स भारत के सुपर लड़ाकू विमान तेजस एमके 2 के ढांचे का निर्माण करके, भारत के आत्मनिर्भर मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस एपिसोड में हम देखेंगे, बेल 407 हेलीकॉप्टर के ढांचे का निर्माण किस तरह किया जाता है। इसके बाद हम एयरबस 330 की Flap Track Beams निर्माण में डायनेमेटिक्स की महत्वपूर्ण सुविधा का जायजा लेंगे, ये विमान की गति और संतुलन को नियंत्रित करते हैं - इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए, हमारे शो विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत में केवल इंडिया साइंस पर।

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