Hydropower: Harnessing the power of Water (H)

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपने करोड़ों नागरिकों तक बिजली पहुंचाने में उल्लेखनीय प्रगति की है। बिजली उत्पादन और उसके वितरण के बुनियादी ढांचे को भी युद्ध स्तर पर बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि भारत में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। इंटरनेशनल एनर्जी एसोसिएशन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में उल्लेख किया है, कि भारत में ऊर्जा की जरूरत अगले 20 वर्षों में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा होगी। बिजली की इस बढौतरी को पूरा करने के लिए भारत, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों पर फोकस कर रहा है, जो कि उत्पादन में स्वच्छ हैं और लंबे समय चलने वाले हैं। इसका मकसद भारत में महंगे जीवाश्म ईंधन से होने वाली बिजली की लगभग 70 प्रतिशत आपूर्ति पर हमारे देश की निर्भरता को कम करना है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में - हमारी टीम ने, भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना, सुबानसिरी लोअर पनबिजली परियोजना पर एक विशेष रिपोर्ट कवर करने के लिए, असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा की यात्रा की। ये परियोजना सुबानसिरी नदी पर चल रही है, ये नदी तिब्बत में हिमालय के पहाड़ों और अरुणाचल प्रदेश में बहती है, आगे चलकर असम में ये ब्रह्मपुत्र में विलीन हो जाती है। 2000 मेगावाट की कुल क्षमता वाली यह विशाल परियोजना, पूर्ण रूप चालू होने के बाद, साल में लगभग 7 अरब 42 करोड़ 10 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति करेगी। सुबानसिरी पनबिजली परियोजना का निर्माण और पर्यवेक्षण, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन और पटेल इंजीनियरिंग जैसे ठेके पर बुनियादी ढांचा तैयार करने वाली कंपनियों द्वारा किया जा रहा है - एनएचपीसी भारत का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक पीएसयू है। और ये भारत सरकार के आत्मनिर्भरता के मिशन के तहत, 2030 तक 21000 मेगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन करने के लक्ष्य को साकार करने करने की दिशा में काम कर रहा है।

Related Videos