COVID-19 Vaccines and Road Ahead (H)

टीकों का इतिहास, बच्चों के लिए टीकाकरण का प्रोटोकॉल, पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार तथा कोविड—19 के टीकों में छूट के लिए भारत एक लड़ाई क्यों लड़ रहा है। ये सब हम आज के इस एपिसोड में देखेंगे। कोविड महामारी को आए एक साल छह महीने से ज्यादा का समय हो गया है - कोविड-19 वायरस की क्रूरता से विश्व स्तर पर लगभग 40 लाख मौतें हुई हैं और लगभग 17 करोड़ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं - यह संख्या दिनों—दिन बढ़ती जा रही है। कोविड-19 वायरस फैलता और उत्परिवर्तित होता रहता है, इसलिए दुनिया भर के देशों के सामने, चुनौतियां अभूतपूर्व और काफी विकट हैं। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में हम बीमारियों से लड़ने के लिए टीकाकरण के इतिहास पर नजर डालेंगे, साथ ही हम देखेंगे कि कैसे नागरिक समाज और भारत सरकार का ध्यान, बच्चों के टीकाकरण की ओर बढ़ रहा है - 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, कैसे नैदानिक परीक्षण में वयस्कों से भिन्न होते हैं? हम कोविड—19 के टीकाकरण, दवाओं और इससे संबंधित उपकरणों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार और पेटेंट पर भी एक नजर डालेंगे और भारत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इन पेटेंटों पर सामान्य छूट क्यों चाहता है, इसकी भी जानकारी लेंगे। भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम गति पकड़ रहा है, नागरिक समाज और सरकार का ध्यान अब 18 वर्ष तक के बच्चों और किशारों की ओर है - दरअसल बच्चों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का परीक्षण एम्स, पटना और एम्स, दिल्ली में शुरू हो चुका है। इस एपिसोड में हम देखेंगे, कि टीकों की प्रभावकारिता और सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए, बच्चों पर नैदानिक परीक्षण कैसे किए जाते हैं और इनसे संबधित परिचालन प्रक्रियाओं और नैतिक दिशानिर्देशों का पालन थोड़ा अलग तरीके से क्यों किया जाता है? बच्चों के टीकाकरण के लिए, हमने सरकार की योजना के बारे में जानने के लिए, भारत के कोविड—19 पर बने तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा से विशेष संवाद किया। कोविड—19 के टीकों की जानकारी के साथ ही हम बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी गौर करेंगे। और समझेंगे कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महामारी के दौरान, कोविड—19 की वैक्सीन, उपचार तथा इसके निदान में आने वाली मुश्किलों और टीकों के पेटेंट पर सामान्य छूट की वकालत करने का बीड़ा क्यों उठाया है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ देखिए, विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में, केवल इंडिया साइंस पर।

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