Steel: Empowering Infrastructure in India Part 2 (H)

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया जिसकी सहायक कंपनी है, बोकारो स्टील प्लांट, सेल के 2030 के विजन में, अपनी मौजूदा स्टील निर्माण क्षमता को 2 करोड़ 10 लाख टन से बढ़ाकर 5 करोड़ 10 लाख टन प्रति वर्ष तक करना है। इस विजन अभियान से बोकारो की मौजूदा उत्पादन क्षमता 47 लाख टन प्रति वर्ष से काफी हद तक बढ़ जाएगी। स्टील निर्माण के महत्व को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता, क्योंकि इसका भारत के सकल घरेलू उत्पाद के साथ-साथ, आत्मनिर्भरता के महत्वपूर्ण मिशन और मेक इन इंडिया के मिशन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उत्पादन के मामले में, सेल का क्षमता विस्तार, स्टील उत्पादन की प्रक्रियाओं और इंजीनियरिंग क्रियाकलापों को बदलने वाले, कंपनी के दृष्टिकोण पर आधारित होगा, जिसमें स्टील उत्पादन को अधिक कुशल बनाने के साथ-साथ अधिक कड़े पर्यावरणीय मानदंडों को लागू करना शामिल है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में, हम आपको झारखंड में स्थापित 13500 एकड़ में फैले विशाल बोकारो स्टील प्लांट की यात्रा पर ले जाएगें - यहाँ हमारी इंडिया साइंस की टीम आपको दिखाएगी, कि लौह अयस्क से स्टील कैसे प्राप्त किया जाता है, और इससे हमारे जीवन से जुड़े हर पहलू में काम आने वाले उत्पादों की एक श्रृंखला किस तरह तैयार की जाती है? स्टील एक ऐसा महत्वपूर्ण उत्पाद है, जिसे इसकी गुणवत्ता खोए बिना, बार-बार रिसायकल किया जा सकता है और इसकी अनूठी चुंबकीय विशेषता के कारण इसे, फिर से अपशिष्ट सामग्री से हासिल किया जा सकता है।

Related Videos