Fortifying India's Defence (H) -
पिछले 75 वर्षों में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने , हमारे देश के विकास और परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जबकि हरित क्रांति ने, देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। दूरदर्शी बुनियादी ढांचे के विकास ने, इसे एक औद्योगिक पॉवरहाउस बना दिया है और रक्षा क्षेत्र में तकनीकी विकास और स्वदेशीकरण ने, दुनिया भर में अपने जैसे देशों के बीच भारत की एक अलग पहचान बनाने में मदद की है। लेकिन आज देश जिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, वे बेहद जटिल हैं, क्योंकि ड्रोन से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइलों तक, स्मार्ट हथियार प्रणालियों के कारण, युद्ध तंत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है। देश की सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखने से लेकर, आतंकवाद का मुकाबला करने तक, भारतीय सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय विवादों के लिए, भारत के सशस्त्र बलों को सतर्क रहने और देश की लंबी सीमाओं पर, वर्षों तक तैनात रहने की जरूरत होती है। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ, भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बल है और इसका रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रूपये है, जो अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वार्षिक बजट है। लेकिन अपनी विशाल जनशक्ति और सैन्य बजट के बावजूद, भारत अभी भी दुनिया में रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है, और हम रूस, इज़राइल, और अमेरिका जैसे देशों से, अपने उच्च तकनीकी रक्षा हार्डवेयर का, लगभग 60% आयात करते हैं। भारत सरकार, रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल की शुरूआत करके और इसे बढ़ावा देकर, स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमताओं के विकास के प्रति, अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही है। डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, को अत्याधुनिक तकनीकों के डिजाइन, विकास और उत्पादन का काम सौंपा गया है। ये संस्थान हमारे सशस्त्र बलों को न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि हमारे दुश्मनों के दिमाग में भी अजय बनाने का काम करता है। तो इस एपिसोड में हम स्वदेशी और उन्नत युद्ध प्रणालियों के डिजाइन, विकास और निर्माण में, भारत की यात्रा पर एक नज़र डालेंगे। हम रक्षा अनुप्रयोगों के विभिन्न क्षेत्रों जैसेकि एयरोनॉटिक्स में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, लड़ाकू वाहनों में 'मेन बैटल टैंक अर्जुन', सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस', आयुध और रडार सिस्टम के बारे में भी बात करेंगे और जानेंगे कि कैसे ये सभी, हमारी राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ा रहे हैंऔर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बना रहे हैं। इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में, केवल इंडिया साइंस पर।