The Rocky Planet (H)
इस कड़ी में सौर मंडल के पथरीले ग्रहों के बारे में जानेंगे। सूर्य के जन्म से एक करोड़ साल के बाद ग्रहों का जन्म हुआ। सौर मंडल के अंदरूनी क्षेत्र में भारी तत्वों का दबदबा होने लगा, पत्थर और धातु के बड़े-बड़े खंड़ों का जोर बढ़ने लगा, नतीजा सूर्य मंडल के अंदरूनी क्षेत्र में बने पथरीले ग्रह। दूसरे खंड जो सूरज से दूर थे उनमें मौजूद गैस और धूल जमती गयी और उनका द्रव्यमान लगातार बढ़ता रहा। पथरीले ग्रहों में सूर्य के सबसे करीब बुध ग्रह है। लेकिन शुक्र ग्रह सबसे गर्म ग्रह है। बुध का एक साल हमारी पृथ्वी के 88 दिन के बराबर होता है। यही नहीं बुध का एक दिन, यानी एक सूर्यादय से सूर्यास्त का समय उसके दो सालों का होता है। हमारे सौर मंडल में ज्यादातर ग्रहों पर सूर्य पूर्व में उगता और पश्चिम में अस्त होता है। वहीं शुक्र ग्रह पर सूर्य पश्चिम में उगकर पूर्व में अस्त होता नजर आता है। सौर मंडल में शुक्र अपनी धुरी पर उल्टा घूमता है। शुक्र की एक ओर खासियत है उसकी कक्ष - जो कि लगभग पूरी तरह गोल है। इसके वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की 96 प्रतिशत मात्रा है जो सूर्य से मिलने वाली गर्मी को जकड़ लेती है और इस ग्रह को सबसे अधिक गर्म ग्रह बनाती है। सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर स्थित पृथ्वी ग्रह सौर मंडल का तीसरा ग्रह है। यहां पर उपस्थित विशिष्ट परिस्थितियों के कारण यह ग्रह जीवन से परिपूर्ण ग्रह है। चंद्रमा इसका एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। चांद पर गुरूत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में केवल छहटवां हिस्सा है यानी अगर आप का भार धरती पर 90 किलो है तो चांद पर केवल 15 किलो होगा। सौर मंडल के चौथा ग्रह मंगल की अधिकतर सतह आयरन ऑक्साइड से बनी होने के कारण लाल रंग की है। इसीलिए इस ग्रह को लाल ग्रह भी कहते हैं। मंगल के दो प्राकृतिक उपग्रह हैं। हमारे सौरमंडल में सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों के साथ क्षुद्रग्रह भी घूम रहे हैं। अब तक करीबन दस हजार से अधिक क्षुद्रग्रहों का पता लग चुका है।