Newton’s Genius (H)

इस वीडियो में हम खगोलविज्ञान में न्यूटन के कार्यों के महत्व को समझेंगे। न्यूटन ने गति के तीन नियम बताये जो आज भी प्रासंगिक हैं। गैलिलियो के विश्वास को बुनियाद बनाकर अपने पहले नियम में न्यूटन ने जड़त्व की व्याख्या की। जिसके अनुसार - कोई वस्तु अपनी अवस्था को, चाहे स्थिर हो या गतिशील, तब तक बनाये रहती है जब तक कि कोई बाहरी बल उसमें बदलाव न लाये। न्यूटन का दूसरा नियम कहता है - जब हम किसी वस्तु पे बल लगाते हैं तो ये उसमें त्वरण पैदा करता है, जिसकी दिशा लगाये गये बल की दिशा में ही होती है। इसका परिमाण लगाए गए बल के समानुपाती तथा वस्तु के द्रव्यमान के विपरीत अनुपात में होता है। न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार, प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। यानी की जब कई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर आगे की तरफ बल लगाती है तो उस वस्तु के पीछे, यानी की विपरीत दिशा, में भी उतना ही बल लगाती है अर्थात हर बल के लिए एक प्रतिक्रियात्मक बल पैदा होता है जो परिमाण में उसके बराबर और दिशा में विपरीत होता है। इसका एक आम उदाहरण है रॉकेट, जिसमें नीचे से उच्च वेग से निकलती हुई गरम गैसों के कारण ही रॉकेट उलटी दिशा में, यानि उपर को उठता है। न्यूटन के दिये गये नियम आज भी ब्रह्माण्ड को जानने-समझने में उतना ही कारगर और मददगार है जितना लगभग साढे़ तीन सौ साल पहले था। कहना गलत नहीं होगा कि न्यूटन के नियम सार्वभौमिक है, समय की सीमा से परे है जिन्होंने विज्ञान को एक नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है।

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