Picroliv Drug (H)

लखनऊ स्थित सीएसआईआर के केंद्रीय औषधीय अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने नॉन अल्कोहोलिक फैटी लीवर रोग के ख़िलाफ़ कुटकी पौधे के अर्क से ‘पिक्रोलिव’ नामक दवा विकसित की है । शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राकृतिक संसाधन से विकसित यह दवा लीवर में वसा की मात्रा और उसके बाद की जटिलताओं को कम कर सकती है । आपको बता दें एनएएफ़एलडी रोग लीवर सिरोसिस और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है और पूरी दुनिया में इसके मरीज़ बढ़ रहे हैं । सीएसआईआर-सीडीआरआई ने यह दवा ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया के फ़ाइटोफार्मास्यूटिकल मोड के अंतर्गत विकसित की है और इसे तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति मिल गई है । जल्द ही पिक्रोलिव का नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान, पीजीआईएमआर, चंडीगढ़, किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल, मुंबई, निम्स, हैदराबाद और केजीएमयू, लखनऊ में मरीज़ों पर परीक्षण किया जाएगा । यह दवा इस गंभीर बीमारी के खिलाफ़ सटीक स्वदेशी समाधान उपलब्ध करा सकती है ।

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