Future of Drones in India - (H)

भारत ने एक अनूठा शतक लगाया, भारतीयों को कोविड -19 के खिलाफ 100 करोड़ टीके लगाए गए हैं, इसी के साथ लगभग 100 देशों को भी टीकों की आपूर्ति की गई। भारत पिछले 22 महीनों से कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है, और उसके लिए ये सफलता की एक बड़ी कहानी है। वह अपने देशवासियों को कोराना की 100 करोड़ से अधिक वैक्सीन देने में सफल रहा है। भारत द्वारा इस लक्ष्य को हासिल करने में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी जैसे तीन टीके मददगार साबित हुए हैं। हर तीन में से दो भारतीयों में, सार्स कोव 2 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार है, तो क्या हम सामूहिक प्रतिरक्षा की ओर बढ़ रहे हैं? भारत ने 'मेड इन इंडिया' टीकों का उत्पादन कैसे बढ़ाया और इसके लिए देश में व्यापक प्रसार के लिए जरूरी विशाल लॉजिस्टिक तंत्र की भूमिका कैसी रही? इसके लिए भारत के स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, रेगिस्तान में गए, पहाड़ों की चढ़ाई की, और जरूरतमंदों तक टीका पहुंचाने के लिए नावों का सहारा भी लिया। कोरोना की दूसरी विनाशकारी लहर के दौरान क्या हुआ और टीकाकरण जारी रखकर देश उस झटके से कैसे उभरा? 100 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचने और इस शतक को लगाने में डिजिटल प्लेटफॉर्म कोविन ने मदद कैसे की? भारत द्वारा इस मुकाम को छूने की कहानी, देखिए उस इंसान की जुबानी, जिसने इस मील के पत्थर तक पहुंचने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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