India’s 21st Century Fighter Jet (H)

तेजस या लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को चौथी पीढ़ी का प्लस एयर प्लेन माना जाता है, यह भारत का स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया फाइटर प्लेन है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस फाइटर प्लेन को पहले ही भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा चुका है और अभी हाल ही में भारतीय मंत्रिमंडल ने 83 फाइटर जेट्स को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से खरीदने की मंजूरी दी है। 48,000 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर `मेड इन इंडिया` के तहत रक्षा हथियारों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर है। सभी 123 तेजस विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। डेल्टा विंग फाइटर में मिश्रित प्रौद्योगिकी का उपयोग हुआ है और इसे हल्के लड़ाकू विमानों के अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। भारत पांचवीं पीढ़ी का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट स्टील्थ फाइटर भी विकसित कर रहा है और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (DRDO) के निदेशक, डॉ. गिरीश एस देवधर इसकी जटिलताओं के बारे में समझाते हैं। तेजस की लागत सिर्फ 309 करोड़ रुपये है और इसमें लगा अधिकांश धन भारत में ही रहेगा तथा भारतीय रक्षा उद्योग के काम आएगा।

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