Vaccinating India to Defeat Corona (H)

क्या भारत इस साल के अंत तक अपने सभी नागरिकों का टीकाकरण कर सकता है? मौजूदा सोच इसके सफल होने की है! राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति को जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जा रहा है, इस पर बारीकी से नज़र डालने के लिए, इंडिया साइंस की टीम ने, कोविड -19 टीकाकरण पर भारत के तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष, डॉ एनके अरोड़ा के साथ ग्रामीण हरियाणा की यात्रा की। इस एपिसोड में पहली बार देखिए, बड़े शहरों से परे, टीकाकरण के प्रयासों को। भारत में इस समय, दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक जोरों पर है। इसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनीक, तीन टीकों का उपयोग किया जा रहा है और आधा दर्जन से अधिक टीकों का नैदानिक ​​परीक्षण चल रहा है। टीकाकरण अभियान की शुरुआत कोरोना योद्धाओं और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के साथ हुई थी। बाद में इस कार्यक्रम को विशिष्ट रोग वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए विस्तारित किया गया। इस कार्यक्रम में एक बड़े परिवर्तन के रूप में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी शामिल किया गया। भारत टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म को—विन का उपयोग करता है। फिलहाल कई लोगों का मानना है, कि टीकाकरण का जोर केवल बड़े शहरों में है और ग्रामीण क्षेत्र इसमें पीछे छूट रहे हैं? यह भी महसूस किया जा रहा है, कि टीकाकरण में इंटरनेट का उपयोग न होने के कारण डिजिटल इंटरफ़ेस सही से नहीं हो रहा है। हमारी टीम ने इसकी पड़ताल अल्लिका गांव में की, वहां जमीनी हकीकत यह थी, कि दोनों टीके वॉक स्लॉट में उपलब्ध थे और जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं थे, वे भी यहां टीका लगवा सकते थे। इसे विस्तार से देखिए, इस एपिसोड में।"

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