Science Time (H) - 03/06/2022

कुछ दशक पहले तक नदियों की अविरल धारा बहती थी, चारों ओर हरियाली छायी रहती थी, शुद्ध हवा एवं स्वच्छ जल से जनमानस के सेहत को संजीवनी मिलती थी. मगर आज पृथ्वी और प्रकृति दोनों पीड़ित है। समुद्र-नदियां सब प्लास्टिक से भरते जा रहे हैं. अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग, बाढ़ और आंधी-तूफान ने करोड़ों लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

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