Science Time (H) - 21/01/2022

चौथी औद्योगिक क्रांति के इस दौर में बड़े पैमाने पर दुनिया के देशों के बीच एक इंफॉर्मेशन वॉर चल रही है। बड़े-बड़े देश दूसरे देशों के महत्वपूर्ण डेटा में सेंध लगाकर उसको हथियाना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि जो देश डेटा को कंट्रोल करेगा, वो पूरे विश्व को नियंत्रित करेगा। और डेटा को वही देश कंट्रोल कर सकेगा, जिसके पास क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीक की सक्षमता होगी। क्वांटम कम्प्यूटिंग के अलावा , क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग, क्वांटम मेट्रोलॉजी और क्वांटम मटीरियल के क्षेत्रों में भी नित नये अनुसंधान हो रहे हैं। आखिर क्या होती है क्वांटम प्रौद्योगिकी ? और दुनिया के बड़े-बड़े देश क्यों पड़े इस तकनीक के पीछे? क्वांटम कम्प्यूटिंग के अलावा , क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग, क्वांटम मेट्रोलॉजी और क्वांटम मटीरियल के क्षेत्रों में किस प्रकार अनुसंधान की गतिविधियां हो रही हैं ? क्वांटम प्रौद्योगिकी हेतु एक उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिये भारत कौन-से कदम उठा सकता है ? इन तमाम दिलचस्प सवालों के जवाब दे रहे हैं - आई.आई.टी. रुड़की के प्रोफेसर विपुल रस्तोगी, आई.आई.टी. रुड़की के प्रोफेसर अजय वासन और आई.आई.टी. कानपुर के प्रोफेसर योगेश सिंह चौहान।

Related Videos