Self Reliant in Leather Industry (H)

" अठानी गांव, जहां सीएलआरआई की कोशिशों से वहां के जन जीवन में बदलाव आया। उन्होंने कोल्हापुरी पारंपरिक जूतों में कोल्हापुरी दस्तकारी के साथ एथ्निसिटी और नैचरल फिनिशिंग पर भी जोर दिया। इस प्रकार जूते के तलवों को पुरुष और तर के सोल को महिलाएं तैयार करती है। साथ ही ऊपरी सजावट भी महिलाओं के जिम्मे होती है। इस तरह पूरे परिवार को रोजगार मिलता है। सालों से कोल्हापुरी जूते महिलाओं और पुरुषों के पैर पर सज रहें है। कोल्हापुरी दस्तकारी और शिल्प का अनूठा मिश्रण है।"

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