New Type of Binary Star System (H)

खगोलविदों की एक टीम ने अत्यंत दुर्लभ तारों की खोज की है जो इससे पहले कभी नहीं देखे गए थे । यह खोज तारों के विकास से जुड़े अनसुलझे सवालों के हल तलाशने में मदद करेगी। इवोल्यूशनरी स्टडीज इनिशिएटिव के सदस्य और स्टीवेन्सन विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल विज्ञान प्राध्यापक कीवन स्टैसन के नेतृत्व में काम कर रहे शोध दल ने एक नया मॉडल तैयार किया था जिसने 2017 में सितारों को मापने के तरीके में काफी सुधार किया। यह मॉडल दूर के सितारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों के प्रकारों की भविष्यवाणी करने में मदद करता है जिन्हें एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। इसी दौरान शोधकर्ताओं को इस नए बाइनरी स्टार सिस्टम का पता चला जो वास्तव में एक दूसरे की परिक्रमा करने वाले दो तारे हैं । ब्रह्मांड के बीच बाइनरी स्टार सिस्टम असामान्य नहीं हैं, लेकिन इन तारों की एक असामान्य विशेषता इसका अभिविन्यास है। पृथ्वी से देखने पर तारे एक दूसरे को ग्रहण करते हैं। आम तौर पर तारे स्पंदन के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया में आकार और चमक बदल सकते हैं । लेकिन यह दो दुर्लभ प्रकार के तारकीय स्पंदन हैं, जिनमें से प्रत्येक तारकीय इंटीरियर्स का एक अलग, पूरक दृश्य प्रदान करता है। इस बाइनरी स्टार सिस्टम में खोजा गया एक तारा दोनों का एक संकर प्रदर्शित करता है।

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