A Sun-centered Universe (H)

इस वीडियो में ब्रह्माण्ड में हमारे सूर्य की स्थिति के बारे में प्रचलित विभिन्न विचारों पर चर्चा की गई है। जाने-माने खगोलशास्त्री टॉलमी के अनुसार पृथ्वी इस ब्रह्माण्ड के लगभग केन्द्र में है, जबकि सूरज, चन्द्रमा, चमकने वाली आकाशीय वस्तुऐं और पांचों ग्रह पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। टॉलमी का यह सिद्धांत सैकड़ों सालों तक मान्य रहा। 15वीं शताब्दी के दौरान कोपरनिकस ने इस धारणा से उलट बताया कि सूरज इस ब्रह्माण्ड का केन्द्र है और बाकी ग्रह उसके चारों तरफ गोलाकार कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी की स्थिति सूरज से तीसरे स्थान पर है। कोपरनिकस के अनुसार चन्द्रमा ही इकलौता ऐसा आकाशीय पिंड है जो पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। लेकिन टॉलमी के मॉडल की विश्वसनियता उन दिनों इतनी गहरी थी कि उसकी आलोचना करना लौहे के चने चबाने के समान था। हमारे सौरमंडल के केन्द्र में क्या है? इस सवाल का जवाब आज बड़ी सहजता से आपको मिल जायेगा। अनेकों स्रोतों और आधुनिक तकनीकों की वजह से आज हमारे पास असंख्य जानकारियां मौजूद है। लेकिन ये सुविधाऐं कोपरनिकस के समय नहीं थी। ऐसे में कोपरनिकस की महानता और भी बढ़ जाती है। कोपरनिकस का ये दुर्भाग्य था कि उनके जीवनकाल में उनके सिद्धांत को मान्यता नहीं मिल पाई। कोपरनिकस की मृत्यु के 23 साल बाद सन् 1564 में गैलिलियो का जन्म हुआ। दूरबीन की मदद से उन्होंने सौर मंडल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं। जिनके आधार पर आज खगोलविज्ञान अपने आधुनिक स्वरूप तक पहुंचा है।

Related Videos