Powering a Revolution in Electrical and Communication Engineering (H)

आज के समय में, बिजली और संचार के बिना दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है, इसलिए भारत ने खुद को हार्डवेयर सुपर पावर बनाने के लिए, 1000 करोड़ रूपयों का सेमी कंडक्टर मिशन शुरू किया है। दुनिया आपस में काफी हद तक जुड़ी हुई है और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) में इलेक्ट्रिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में कई विकासात्मक कार्य हुए हैं, जैसे कि सिग्नल प्रोसेसिंग, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक तथा रेडियो फ्रीक्वेंसी और फोटोनिक्स। ये विभाग अपनी स्थापना के 75 वर्ष मना रहा है और भविष्य में ऊर्जा कुशल नेटवर्क, बॉडी एरिया नेटवर्क, हाई प्रिसिशन लोकेशन और नेविगेशन, ग्रीन कम्युनिकेशन और कंप्यूटिंग, ऑरगेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स, साइबर-फिजिकल इंटरफेस, हैल्थकेयर इंफोर्मेटिक्स, मिली—मीटर वेव सिस्टम इमेजिंग जैसे विषयों पर काम करना चाहता है। 5जी के बाद संचार कैसा होगा? हम ईसीई के एक पूर्व छात्र, डॉ. आलोक नाथ डे से भी मुलाकात करते हैं, जो अब सैमसंग इंडिया, बेंगलुरु चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं। कनेक्टेड और डिजिटल इंडिया में, इंटरनेट ऑफ थिंग्स के वास्तविकता बनने की संभावना के साथ भविष्य की रूपरेखा सामने आ रही है। लेकिन केवल आसान इंटरफ़ेस और उपयोगकर्ता के लिए अनुकूलता से ही इस क्रांति की शुरूआत हो सकती है, जिसके अब केवल साकार होने भर की देर है।

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