Xenobots (H)

दुनिया के पहले जीवित रोबोट्स “ज़ेनोबॉट्स” बनाने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह रोबोट्स प्रजनन कर सकते हैं । अमेरिका के टफ्ट्स विश्वविद्यालय, वर्मोंट विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अफ्रीकी पंजे वाले मेंढक के हृदय और त्वचा से स्टेम सेल लेकर बनाए गए इन रोबोट्स का पिछले साल खुलासा किया था । इन्ही पर किए गए प्रयोगों के बाद अब पता चला कि वो खुद से आगे बढ़ सकते हैं और स्वयं को ठीक कर सकते हैं। हालांकि इनका तरीका पौधों और जानवरों में देखी गई प्रजनन विधियों के विपरीत है। कंप्यूटर द्वारा डिज़ाइन किए जाने वाले यह एक मिलीमीटर से छोटे रोबोट्स अपने वातावरण में तैर सकते हैं और अन्य एकल कोशिकाओं को ढूंढ कर बेबी ज़ेनोबॉट्स के तैयार कर सकते हैं । वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तक लोग यही मानते रहे हैं कि रोबोट धातु या सिरेमिक से बने होते हैं लेकिन ये महत्वपूर्ण नहीं है कि वह किससे बने हैं बल्कि वह क्या करते हैं यह अहम होता है इन्हे एक तरह से बायोरोबोट कहा जा सकता है । यह नया शोध पुनर्योजी यानी रीजेनेरेटिव चिकित्सा में काफ़ी फायदेमंद साबित हो सकती है ।

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