Vaccine: India Fights Back (H)
संघर्ष को धार, कोविड 19 वायरस पर वार। कोविड -19 के खतरे के खिलाफ भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की त्वरित प्रतिक्रिया, 2019 में चीन के वुहान से दुनिया के हर कोने में फैलने वाली इस वायरल बीमारी से लड़ने में ऐतिहासिक दृष्टि से,अभूतपूर्व रही है। लेकिन इसमें काफी चुनौतियां भी रही हैं - भारत और दुनिया भर में लोगों की जिंदगी को हुए नुकसान देखते हुए, ऐसे प्रयास सराहनीय हैं। वास्तव में अप्रैल 2021 में हमारे देश में दूसरी की कोविड लहर आने के बाद; सरकार और निजी क्षेत्र ने इस बीमारी से लड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत के सार्वजनिक और निजी संस्थानों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर महत्वपूर्ण नवाचार और सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें कोविड डिटेक्शन किट से लेकर उपचार के लिए दवाएं, औषधीय प्रोटोकॉल, बीमारी के प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीके खोजने, ऑक्सीजन की आपूर्ति में तेजी लाने और रिकॉर्ड समय में टीकों का विकास करना शामिल है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में हम कोविड 19 के नए स्वीकृत हुए टीकों पर एक नज़र डालेंगे, जिनमें रूसी स्पुतनिक वैक्सीन और अपने तीसरे फेज के परीक्षण के करीब पहुंची कोविड 19 की स्वदेशी वैक्सीन ZyCoV-D है , इसका उत्पादन जून 2021 में होने की संभावना है। हम इन टीकों की मूलभूत जानकारी लेगें और देखेंगे, कि ये कोवैक्सिन और कोविशील्ड से किस तरह अलग हैं। हम आपको, भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा हाल ही में अनुमोदित की गई दो आपातकालीन दवाओं की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। जिनमें- DRDO की anti-COVID oral drug - 2DG और Zydus Cadilla की 'Virafin दवा शामिल है। जिसकी एक खुराक COVID-19 संक्रमण के इलाज में, वयस्कों को इंजेक्शन के रूप में दी जाती है। ज्यादा जानकारी के लिए इस एपिसोड को देखिए, केवल इंडिया साइंस पर।