27 February 2022 - Discovering India with Science & Technology (H)

विज्ञान और प्रौद्योगिकी, किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास का आधार होते है। भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है, इसलिए इस मौके पर आत्मनिर्भरता हासिल करने में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के योगदान को भी हमें याद करना चाहिए। इन 75 वर्षों के दौरान, भारत ने अंतरिक्ष, रक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि जैसे, कई क्षेत्रों में अपनी वैज्ञानिक क्षमता साबित की है। अपने पहले ही प्रयास में मंगलयान से मंगल ग्रह पर पहुंचने और उन्नत युद्ध तथा रक्षा प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास क्षमता हासिल करने वाला, भारत पहला देश बन गया है। और अभी हाल ही में जब कोविड महामारी ने दुनियाभर में त्राहिमाम मचाया था, तो भारत ने स्वदेशी रूप से एक नहीं, बल्कि दो दो टीके विकासित करके देश को महामारी से सुरक्षा दी और एक वर्ष के भीतर अपनी 75% से अधिक आबादी के टीकाकरण का कमाल कर दिखाया। भारत ने वर्षों से, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक यात्रा तय की है। लेकिन एक ऐसी घटना भी हुई है, जिसने भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी का चेहरा ही बदल दिया, इस घटना ने भारतीय वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय हित में, विज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रेरणा और आत्मविश्वास दिया। वो घटना थी, 1930 में, डॉक्टर सी.वी. रामन द्वारा नोबेल पुरस्कार जीतने की । 28 फरवरी 1928 को, प्रकाश के प्रकीर्णन और रामन प्रभाव की खोज पर, डॉक्टर रामन, अपने काम के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक बने। डॉक्टर रामन ने, अपनी पूरी शिक्षा और शोध कार्य भारत में ही पूरा किया था, इस वजह से यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उनकी इस महान खोज को महत्व देने और छात्रों में वैज्ञानिक अभिरूचि को बढ़ाने के लिए, हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत द्वारा, डॉ. सी.वी. रामन की विरासत और स्वदेशीकरण को, वर्षों से शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशालाओं, उन्नत चिकित्सा केंद्रों और विभिन्न उन्नत उद्योगों की स्थापना के साथ आगे बढ़ाया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने और देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित गतिविधियों को व्यवस्थित और समन्वयित करने के लिए, डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा विभाग और डीएसटी यानी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग जैसे संगठनों के निर्माण में, सरकार और विज्ञान नीति संकल्प की भूमिका, महत्वपूर्ण रही। इसलिए इस एपिसोड में हम स्वतंत्रता के समय से, भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रभावी स्वदेशीकरण के साथ, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की यात्रा पर नज़र डालेंगे।

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