Ushering a Semi-conductor Revolution - (H)

'सेमी-कंडक्टर क्रांति की शुरुआत', यानी एक सॉफ्टवेयर से, एक हार्डवेयर सुपर पावर में परिवर्तन। सेमीकंडक्टर्स सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने लगे हैं, आज कारों से लेकर स्मार्ट फोन तक, सभी में सेमीकंडक्टर्स का उपयोग होता है। भारत सरकार ने 1000 करोड़ रूपयों के प्रस्तावित आवंटन के साथ सेमी कंडक्टर मिशन शुरू किया है। समय की मांग है, कि भारत निर्मित चिप निर्माण की सुविधाएं स्थापित हो, क्योंकि भारत जैसे बड़े देश लिए इस मामले में आयात पर निर्भरता उचित नहीं है। भारत के मोहाली में, मामूली निर्माण सुविधाओं वाली एक छोटी सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला है। 1989 में मोहाली में लगी आग ने भारत को दशकों पीछे धकेल दिया। आज भी भारत के लोकतंत्र को ऊर्जा देने वाली, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में लगने वाली चिप्स आयात की जाती हैं, लेकिन अब चीजें बदल सकती हैं। भारत में चिप डिजाइनिंग की असीम क्षमताएं मौजूद हैं, और दुनिया के कई बेहतरीन चिप्स वास्तव में भारत में ही डिजाइन किए गए हैं। लेकिन देश में इसकी निर्माण सुविधा का अभाव है। नए प्रोत्साहन से इस महत्वपूर्ण अंतर को पाटने की उम्मीद है। क्योंकि एक नए भारत के निर्माण में उपयोग होनी वाली चिप्स का आयात संभव नहीं है। आज दुनिया में बेशक सिलिकॉन का सिक्का चलता है, लेकिन गैलियम आर्सेनाइड और सिलिकॉन कार्बाइड द्वारा पहले ही उसके गढ़ में सेंध लगा दी है, और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के भारतीय शोधकर्ता शांति से इस काम में जुटे हैं। भारत पहले से ही एक सॉफ्टवेयर सुपर पावर है और अब सेमी कंडक्टर मिशन के साथ, देश हार्ड वेयर के क्षेत्र में एक ताकत बन सकता है। विकास के अदृश्य और असंख्य इंजनों को स्वदेशी चिप्स के जरिए एक नई ऊर्जा दी जा सकती है।

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