Transforming India Through Drones - (H)

पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन शब्द को दुनियाभर के लोग जानने लगे हैं - इन फ्लाइंग रोबॉट्स यानी ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में भविष्य के असंख्य अवसर हैं। कोविड महामारी के दौरान, हमारे सामने एक अनोखी समस्या आई, लेकिन ये ड्रोन उसका एक अनूठा समाधान साबित हुए। दूर-दराज के इलाकों में लोगों तक दवाइयां पहुंचाने से लेकर, सार्वजनिक जगहों को सेनेटाइज करने और अनावश्यक भीड़ पर पैनी नजर रखने तक का काम ड्रोन के जरिए हुआ है। उड़ने में सक्षम ये रोबोट रक्षा, कृषि, कानून प्रवर्तन, निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, रसद और यहां तक कि वीडियो व फोटोग्राफी जैसे कमर्शियल तथा गैर-लाभकारी दोनों क्षेत्रों में बदलाव ला रहे हैं। ड्रोन आज जरूरत की अहम चीज बन चुके हैं, और इसकी वजह है, उनका बहुउपयोगी होना, वे पक्षियों की तरह जल्दी से उड़ते हैं, और जमीन पर कुशलता से उतरते हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को जबरदस्त लाभ पहुंचाने की क्षमता के अलावा, ड्रोन रोजगार और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसकी अपार संभावनाओं को महसूस करते हुए, भारत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के निर्माण और अनुप्रयोग को प्रोत्साहित कर रही है। अगस्त 2021 में भारत ने ड्रोन नियमावली, 2021 को पेश किया, जिसने ड्रोन के लिए आवश्यक जटिल अनुमोदन की प्रक्रियाओं में बदलाव किया और इसकी प्रमाणन प्रक्रिया को तेज कर दिया। नए नियमों ने ड्रोन को व्यावसायिक उपयोग मे सक्षम बनाया, ड्रोन को वैध बनाया गया और भारत में ड्रोन से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए, बाजार को अधिक उदार और ज्यादा अनुकूल बनाया गया । इसमें ड्रोन एयरस्पेस मैप, 2021 का प्रकाशन भी शामिल है, जिसमें लगभग 90% भारतीय हवाई क्षेत्र को, ग्रीन ज़ोन के रूप में मान्यता मिली है। ड्रोन प्रमाणन योजना 2022, ड्रोन निर्माताओं के लिए प्रमाण पत्र को हासिल करना आसान बनाती है, और ड्रोन आयात नीति 2022, भारतीय उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए, ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाती है; तथा ड्रोन (संशोधन) नियम 2022, ड्रोन संचालन के लिए ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करता है। तो आज के इस एपिसोड में हम, मानव रहित हवाई वाहनों यानी ड्रोन की दुनिया का पता लगाएंगे और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए ड्रोन के संचालन और कार्यप्रणाली के पीछे के विज्ञान के बारे में बात करेंगे और इसी के साथ हम, ड्रोन के इतिहास पर भी एक नजर डालेंगे। हम 2022 के बजट में हुई 'ड्रोन शक्ति' की घोषणा के बारे में, केंद्र सरकार द्वारा ड्रोन उद्योग की ओर महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव की बात भी करेंगे। इस बदलाव से, नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्थिक इंजीनियरिंग और विशाल घरेलू मांग में इसकी पारंपरिक ताकत को देखते हुए, भारत में 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने क्षमता है।

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