Titanium Dioxide Nanorods Based Perovskite Solar Cells (H)

भारतीय वैज्ञानिकों ने पेरोवस्काइट सौर सेल आधारित टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड नैनोरॉड की स्थिरता और दक्षता बढ़ाने के लिये एक नई प्रक्रिया तैयार की है। यह प्रक्रिया स्थिर प्रकाश हार्वेस्टिंग सक्रिय परत के साथ सोलर सेल विकसित करने में मदद करेगी। डीएसटी के स्वायत्त संस्थान एआरसीआई के वैज्ञानिकों ने टीआईओ2 नैनोरॉड की लंबाई तथा छिद्रता में बदलाव किये है। इलेक्ट्रोड में जो अनगिनत छिद्र होते हैं, वे पेरोवस्काइट इन्फिलट्रेशन और संवेदीकरण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दो टीआईओ2 नैनोरॉडों के बीच अंतर-छिद्रकी दूरी फोटो-इलेक्ट्रोड छिद्रता से तय होती है। जैसे-जैसे नैनोराड की लंबाई बढ़ती जाती है, छिद्रता में भी परिवर्तन आता जाता है। वैज्ञानिकों ने टीआईओ2 नैनोरॉड के ढांचे को नियंत्रित कर पीएससी के बिजली में बदलने की दक्षता को बढ़ा दिया । इस शोध के नतीजे ‘जर्नल ऑफ एलॉयज एंड कंपाऊंड्स’ में प्रकाशित किया गए हैं।

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