Sir C V Raman (H)

7 नवंबर 1888 को भारतीय भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता सर चंद्रशेखर वेंकट रामन, का जन्म तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में हुआ । सर रामन को संगीत का बहुत शौक़ था इस लिए उन्होंने अपने शोध की शुरूआत भी वीणा, वायलिन, मृदंगम और तबला में की और 1918 में संगीत वाद्ययंत्रों के तारों के जटिल कंपन की व्याख्या की। कोलकाता विश्वविद्यालय में काम करते हुए उन्होने 1933 में रामन प्रभाव की खोज की । सर सीवी रामन ने अल्ट्रासोनिक और हाइपेरिक आवृत्तियों की ध्वनिक तरंगों द्वारा प्रकाश के विवर्तन पर जांच की, 1948 में अपना शोध संस्थान रामन अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर में स्थापित किया उन्होंने क्रिस्टल के स्पेक्ट्रोस्कोपिक व्यवहार का अध्ययन किया, सर रामन ने भारतीय विज्ञान अकादमी की स्थापना को प्रायोजित किया और उसके अध्यक्ष रहे । उन्हें 1924 में रॉयल सोसाइटी का फेलो चुना गया था । रामन को प्रकाश के प्रकीर्णन और रामन प्रभाव की खोज के लिए 1930 में भौतिकी के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1954 में सर सीवी रामन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया ।

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