Science Time (H) 24/06/2022

पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले मुख्य कारकों में से एक है प्लास्टिक से फैलने वाला प्रदूषण। प्लास्टिक न केवल इंसानों बल्कि प्रकृति और वन्यजीवों के लिए भी खतरनाक है। प्लास्टिक का करोड़ों टन कूड़ा रोजाना मैदानों में फेंका जाता है। नदियों से लेकर महासागरों तक प्लास्टिक का कचरा भरता जा रहा है। नतीजा सामने है। समुद्री जीव मर रहे हैं। कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। जमीन की उर्वरता निरंतर कम होती जा रही है। जहां-तहां फैला प्लास्टिक कचरा सीवर और नालियों को चोक करता है, जिससे बरसात में जलभराव का सामना करना पड़ता है। भारत जैसे देश में रोजाना सैंकड़ों आवारा पशुओं की प्लास्टिकयुक्त कचरा खाने से मौत हो रही है, तो वहीं इंसानों के लिए भी प्लास्टिक कैंसर का कारण बन रहा है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुये देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से पाबंदी लगने जा रही है। आख़िर प्लास्टिक की बनी किन चीजों के इस्तेमाल पर होगी पाबंदी ? इस पाबंदी से हमारी और आपकी ज़िन्दगी पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुये पकड़े जाने पर क्या होगी कार्रवाई? क्या बायो प्लास्टिक है भविष्य का विकल्प ? इस संबंध में आम जन को जागरूक करने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है ? इन तमाम दिलचस्प सवालों के जवाब दे रही हैं - पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के पर्यावरण अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन मोर और ग्लोबल विज़डम रिसर्च सेंटर की चीफ़ साइंटिस्ट डॉ. ज्योत्स्ना सिंह।

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