Science Time (H) - 06/05/2022

सेमीकंडक्टर को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान का डीएनए कहा जाता है। यही कारण है कि सरकार इस क्षेत्र में युवा एंटरप्रेन्योर को काफी प्रोत्साहित कर रही है। दरअसल, सरकार चाहती है कि सामान्य परिवार का युवा भी इस सेक्टर से जुड़े, ताकि देश के साथ-साथ उनकी भी तरक्की हो सके। आइए जानते हैं भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर के क्षेत्र में किस प्रकार की संभावनाएं हैं ? सेमीकंडक्टर्स क्या है और इसकी मांग इतनी ज्यादा क्यों है ? सेमीकंडक्टर्स के घरेलू विनिर्माण से संबद्ध चुनौतियां क्या हैं और उनके समाधान क्या हैं ? सेमीकंडक्टर बाज़ार की विकास गाथा में भारत की स्थिति कैसी है ? भारत की ‘सेमीकंडक्टर डिप्लोमेसी’ या सेमीकॉन डिप्लोमेसी एक्शन प्लान क्या है ? इन तमाम सवालों के विश्वसनीय जवाब दे रहे हैं - चितकारा यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी के डीन, ऐकडेमिक अफेयर्स, डॉ. रजनीश शर्मा एवं NXP बेंगलुरु के जनरल मैनेजर, AMSIP श्री हितेश गर्ग।

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