Science Behind the Jets of Plasma (H)

वैज्ञानिकों ने सूर्य के पूरे क्रोमोस्फीयर में पाये जाने वाले प्लाज्मा के जेट्स के पीछे कार्य करने वाले विज्ञान का पता लगया है। यह प्लाज्मा पदार्थ की चौथी अवस्था है, जिसमें विद्युत रूप से आवेशित कण होते हैं और यह सूर्य की दिखाई देने वाली सतह के ठीक ऊपर की लेयर क्रोमोस्फीयर में हर जगह मौजूद रहते हैं। यह जेट, पतली घास जैसी प्लाज्मा संरचनाओं के रूप में सतह से लगातार ऊपर उठते दिखाई देते हैं और फिर गुरुत्वाकर्षण से नीचे चले जाते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संस्थान, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के खगोलविदों के नेतृत्व में भारत और इंग्‍लैंड के अंतर्विषयी शोधकर्ताओं की एक टीम ने सूर्य के जेट्स की उत्पत्ति की व्याख्या की है।

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