Herbal Medicine for Diabetes: BGR 34 (H)

"आज दुनिया के लिए बहुत बड़ी चुनौती है डायबिटीज़.....ये हमें धीरे धीरे मारती है... शरीर के हर अंग पर असर डालती है... एक बार इसने हमारे शरीर में घर कर लिया तो फिर कभी पीछा नहीं छोड़ती... इसलिए डायबिटीज को साइलेंट किलर कहते हैं... पहले डायबिटीज 60 के बाद की बीमारी थी लेकिन अब तो युवा पीढ़ी भी इससे बची नहीं है... बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी डायबिटीज शिकार बना रही है। इंटरनेशनल डायबिटीज़ फैडरेशन यानी आईडीएफ एटलस के मुताबिक भारत में 2013 में 6 करोड़ 30 लाख लोग डायबिटीज से पीड़ित थे तो 2015 में संख्या बढ़कर 6 करोड़ 92 लाख हो गई। भारत में खतरा हर रोज़ बढ़ रहा है। World Health Organization – WHO की रिपोर्ट बताती है भारत में पिछले 15 साल में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 100 फीसदी बढ़ी है… साल 2030 तक भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या बढ़कर 8 करोड 70 लाख पहुंचने का अनुमान है। लेकिन भारत की सबसे बड़ी चिंता युवा पीढ़ी है... अमेरिका में 60 साल बाद वाली पीढ़ी को डायबिटीज ने जकड़ा लेकिन भारत में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी साइलेंट किलर का शिकार हो रही है। युवा पीढ़ी को बचाने की सख्त जरुरत है इसलिए वक्त रहते सरकार भी सचेत हो गई। देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक संस्थान शोध में जुट गए। और कुछ सालों की मेहनत के बाद समाधान मिला। वो भी देश के पुरातन ज्ञान से, दुनिया के प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान से... आदिकाल के ज्ञान ने जिस प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद को जन्म दिया उसी ने हमें दिया हमारी सबसे बड़ी समस्या का एक अचूक समाधान दुनिया की पहली सबसे कारगर एंटी डायबिटीक हर्बल ड्रग – जिसका नाम है – BGR – 34 । दारुहरिद्रा - Daruharidra (Berberis aristata DC.), विजयसार - Vijaysar (Pterocarpus marsupium Roxb), गुड़माड - Gudmar (Gymnema sylvestre (Retz.) R.Br. ex Sm.), मंजीठ - Manjistha (Rubia cordifolia L.), मेंथी - Methi (Trigonella foenum-graecum L.), और गुरची - Guduchi (Tinospora cardifolia (Willd.) Miers), आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया या इससे पहले के आयुर्वेद ग्रंथों में औषधीय पौधों से प्राप्त इन बूटियों के गुणों का विस्तार से वर्णन है। प्राचीन काल से लेकर मौजूदा दौर के आयुर्वेदाचार्य इन्हें रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं... करीब 5 साल के अथक प्रयास के बाद एक फॉर्मुलेशन मिल गया जो डायबिटीज के मैनेजमेंट में कारगर साबित हो सकता था, अर्तराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद ऐलोपैथ की बेहतरीन दवाओं को भी टक्कर दे सकता था । पूरे 21 दिनों तक final formulation का असर उन चूहों के ब्लड ग्लूकोज़ लेवल पर परखा गया जिन्हे क्रत्रिम रुप से डायबिटीज से पीडित बनाया गया था...जिसके बाद उनके लीवर फंकशन, किडनी फंक्शन और लिपिड प्रोफाईल की भी जांच की गयी.. इतने परीक्षणों और प्रक्रियाओं के बाद भरोसा हो गया कि तैयार फॉर्मुलेशन आयुर्वेदिक दवाओं के मापदंड पर खरी है और अब इसकी Safety और Efficacy की जांच के लिए आगे बढ़ा जा सकता है। दुनिया की पहली सबसे कारगर एंटी डायबिटीज हर्बल ड्रग – BGR – 34 ... 2014 में लॉचिंग और पेटेंट फाइल किए जाने के बाद से अब तक अपनी प्रामाणिकता सिद्ध कर चुकी है... "

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