From Cells and Molecules to Products (H)

जमीनी स्तर के विचारों को, मूर्त उत्पादों में परिवर्तित कैसे किया जाता है, इस पर हम करीब से नज़र डालेंगे। कई प्रकार के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास से बहुमूल्य उत्पाद बनाए जा सकते हैं, लेकिन सभी वैज्ञानिक स्टार्ट-अप के पास, सफल कंपनी बनने की क्षमता नहीं होती। हम उन उद्यमियों से मिलेंगे, जिन्होंने जोखिम भरे प्रौद्योगिकी विकास पथ पर चलने के लिए आरामदायक नौकरियां छोड़ी हैं। सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान के क्षेत्र में, बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा समर्थित एक इकाई ऐसी है, जो विज्ञान के बेहतरीन ज्ञान से, अच्छे उत्पाद बनाती है। सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर प्लेटफॉर्म (सी-कैंप), बेंगलुरु, कोविड -19 महामारी के दौरान देश की मदद करने में, डायग्नोस्टिक्स, मास्क, और किट जैसे उत्पादों के निर्माण में काफी सफल रही है। व्हार्टन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से प्रशिक्षित सी-कैंप के सीईओ, डॉ. तसलीमारिफ सैय्यद, सफल उत्पाद बनाने के लिए कई कंपनियों को साथ लेकर चलने में कामयाब रहे हैं। जैव प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण ने, उन्हें व्यावहारिक व क्रियाशील विकास का नेतृत्व करने में मदद की है। सी-कैंप ने 78 तरह की डायग्नोस्टिक किट और 73 अभिकर्मकों को रैंप पर लाने में मदद की, इससे आरटी पीसीआर परीक्षण की कीमत, मार्च 2020 में 4500 रुपये प्रति परीक्षण से घटकर, आज लगभग 700 रुपये हो गई है। इस काम के जरिए सी-कैंप ने करीब 1100 भारतीय इनोवेशन के जरिए, करीब 35 करोड़ रुपये जुटाए। यहां ज्ञान की देवी सरस्वती से, धन की देवी लक्ष्मी का संगम दिखाई देता है।

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