Exclusive Economic Zone of India (H)

भारत की कुल समुद्री तटरेखा लगभग 7500 किलोमीटर है, जिसके कारण भारत का अनन्य आर्थिक क्षेत्र यानी ईईज़ेड लगभग 23.7 लाख वर्ग किलो मीटर है। भारत का ईईज़ेड विश्व के बारहवें सबसे बड़े अनन्य आर्थिक क्षेत्र में आता है। पूरे ईईज़ेड समुद्रीतल में मिलने वाले तलछटों के नमूने एकत्रित कर उनके वैज्ञानिक विश्लेषणों द्वारा वहाँ की समुद्री संसाधन क्षमताओं का मूल्यांकन करने में अभी भी भारतीय वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीएओआर), गोवा को इस काम के लिये नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, जो देश के अन्य दो समुद्री संस्थानों राष्ट्रीय महासागर तकनीकी संस्थान (एनआईओटी) और राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान (एनआईओ) के सहयोग के साथ ईईज़ेड संबंधी समस्त वैज्ञानिक कार्य कर रहा है। भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में हाइड्रोकार्बनों के प्रचुर भण्डारों के साथ-साथ इलेमनाइट, रुटाइल, ज़िरकॉन, मोनाज़ाइट एवं मेग्नेटाइट जैसे महत्त्वपूर्ण खनिजों के भण्डार भी मिलते हैं। इस कार्यक्रम मेंं देखिए देश के विकास में अनन्य आर्थिक क्षेत्र किस तरह योगदान निभा रहे हैं।

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