Enabling Superfast Internet - (H)

भारत में वायरलेस और उपग्रह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, स्टार्ट अप काफी कम है, लेकिन प्रमुख अनुसंधान केंद्र, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, ऐसे स्टार्ट अप को काफी सहयोग और पोषित करता है। ऐसा ही एक स्टार्ट अप एस्ट्रोम, आईआईएससी की पूर्व छात्रा डॉक्टर नेहा सटक के नेतृत्व में फल—फूल रहा है। एस्ट्रोम, मिलीमीटर वेव वायरलेस कम्युनिकेशन के भविष्य में अग्रणी है - फिर चाहे वो पृथ्वी पर हो या अंतरिक्ष में। उनके द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियां, वायरलेस नेटवर्क पर, गीगाबाइट गति प्रदान कर सकती हैं, इसलिए जो शोध यहां किया जा रहा है, वह भारत को ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में, तेजी से इंटरनेट पहुंचाने में मदद कर सकता है। एस्ट्रोम टेक्नोलॉजीस के अनुसार, गीगामेश उनका पहला उत्पाद है, जो 4जी के बुनियादी ढांचे में नेटवर्क संकुलता की समस्याओं को हल करता है, और वायरलेस रूप से फाइबर जैसी बैकहॉल क्षमता प्रदान करके, 5G की राह आसान करता है। गीगामेश ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करने के लिए, फाइबर की सीमा का विस्तार करने के लिए भी काफी आदर्श है। एस्ट्रोम पारंपरिक केयू/केए बैंड ट्रांसपोंडर की तुलना में, 12 गुना अधिक क्षमता वाले उपग्रह ट्रांसपोंडर बनाने के लिए, उसी तकनीक का उपयोग करता है। एस्ट्रोम का दृष्टिकोण उपग्रहों का उपयोग करके, अंतरिक्ष से इंटरनेट को बीम करना है, जोकि हमारे ट्रांसपोंडर को उनकी प्रोप्राइटरी तकनीकों से संचालित करते हैं। डॉक्टर सटक राजस्थान के एक छोटे से शहर से हैं और काफी ऊर्जावान हैं तथा उन्होंने 'स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया' की घोषणा के तहत ही अपनी प्रारंभिक शुरुआत की थी। निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने से, क्या एस्ट्रोम टेक्नोलॉजीज और अन्य स्टार्ट अप, वैश्विक लीटर बनने की उम्मीद कर सकते हैं। डॉक्टर सटक का एक सपना है — पूरे भारत में निर्बाध इंटरनेट प्रदान करना।

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