DST-ISCA-Short video (H)

दनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक, भारतीय सभ्यता में विज्ञान और तकनीक की एक मजबूत परंपरा है. हमारी उत्कृष्ट बुनियाद, प्रयोगशालाओं, संस्थाओं और तकनीकी मानवशक्ति के कारण हमारे देश ने विज्ञान और तकनीकी के अनेक क्षेत्रों में तीव्र प्रगति की है. इस दिशा में, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था ‘ISCA’ ने अपनी गतिविधियों के जरिये वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है. ISCA’ एक प्रारंभिक वैज्ञानिक संस्था है जिसकी स्थापना 1914 में की गयी थी. ‘ISCA’ की स्थापना विज्ञान की उन्नति और प्रोत्साहन करने, वार्षिक विज्ञान कांग्रेस के आयोजन, जर्नल, प्रोसीडिंग और इससे जुड़े दस्तावेजों के प्रकाशन जैसे उद्देश्यों के लिए की गयी थी. विज्ञान कांग्रेस की पहली बैठक एशियाटिक सोसाइटी कलकत्ता के प्रांगण में 15 से 17 जनवरी 1914 के दौरान हुई थी । अनेक प्रख्यात वैज्ञानिकों ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और विज्ञान की उन्नति और लोकप्रियकरण के उद्देश्यों को पूरा करने में योगदान दिया. विज्ञान कांग्रेस की स्वर्ण जयंती दिल्ली में 1963 में, हीरक जयंती 1973 में चंडीगढ़ में और प्लैटिनम जुबली 1988 में पुणे में आयोजित की गयी थी. ‘ISCA’ का शताब्दी सत्र 2013 में आयोजित किया गया था। साल 1976 से, ‘ISCA’ के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान हर एक सत्र, समिति और फोरम में राष्ट्रीय महत्व के एक केंद्रीय विषय पर चर्चा की जाती है. इस केंद्रीय विषय के इर्द-गिर्द, दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्लिनरी सेशन का आयोजन होता है । आमजन में विज्ञान की मूलभूत समझ विकसित करने के उद्देश्य से विज्ञान कांग्रेस में विज्ञान संचारक सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. अपनी गतिविधियों के जरिये ISCA’ ने अपने आधार का विस्तार किया है और देश में एक विज्ञान आन्दोलन को जन्म दिया है.