COVID-19: Vaccines for Children and Booster Doses

भारत के वैज्ञानिक संगठनों जैसे , भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और एम्स जैसे संगठनों के कारण, सार्स कोव—2 वायरस की प्रकृति को, बेहतर तरीके से समझा गया है, जिसकी वजह से कोरोना की तीसरी लहर के लिए, भारत की प्रतिक्रिया सटीक और प्रभावी रही है। ये संगठन कोविड वायरस और उसके उत्परिवर्तन का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और इसके प्रसार को कम करने के लिए, सरकार को उचित कदम उठाने की सलाह दे रहे हैं। इसमें रिकॉर्ड टीकाकरण भी शामिल है, भारत की लगभग 90 प्रतिशत वयस्क आबादी को, अब तक कोविड— 19 वैक्सीन की पहली और 65% आबादी को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं - ये चिकित्सा के कड़े प्रयासों और सार्वजनिक सहयोग से संभव हुआ है। ऐसे कदमों से कोविड — 19 की गंभीरता को कम किया जा सकता है, और ये उपाय इससे लड़ने में भी कारगर है। लेकिन एक देश के रूप में हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाना होगा , इसलिए विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में हम कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर नजर डालेंगे - जैसेकि व्यापक परीक्षण के बाद बच्चों के टीकाकरण के लिए, सरकार की ताजा पहल और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा वैक्सीन को मान्यता प्रदान करना, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है, कि हमारी युवा पीढ़ी सुरक्षित और संरक्षित है, वो आत्मविश्वास से अपने कदम घर से बाहर रख सकती है और स्कूल जा सकती है। इसी के साथ फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक देने का मिशन भी जोरो पर है। इसके अलावा विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में, और भी काफी कुछ देखिए, केवल इंडिया साइंस पर।

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