Climate Impact On Mangrove Species (H)

ज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन, बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक पूर्वानुमान मॉडल पर आधारित अध्ययन के अनुसार भारत के पूर्वी तट, चिलिका और सुंदरबन के साथ ही भारत के पश्चिमी तट पर द्वारका तथा पोरबंदर में वर्षा की मात्रा एवं समुद्र के स्तर में बदलाव होने के कारण कुछ मैंग्रोव प्रजातियों में वर्ष 2070 तक उपयुक्त प्राकृतिक समुद्री क्षेत्र से घटने और भूमि की ओर स्थानांतरित होने की आशंका है। मैंग्रोव इकोसिस्टम से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में सहायक होते हैं और वे तटीय इकोसिस्टम से जुड़े खतरों को कम करने में भी मदद करते हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन, समुद्र के स्तर में उतार - चढ़ाव और मानवीय गतिविधियों के कारण मैंग्रोव तेजी से घट रहे ।

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