Biofuel: Sustainable Alternative for Greener Future (H)

भारत सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को, वर्ष 2030 से वर्ष 2025 कर दिया है। इसके लिए निर्धारित रोडमैप में, अप्रैल 2022 तक E10 इथेनॉल-मिश्रित ईंधन की निरंतर आपूर्ति करने और अप्रैल 2023 से अप्रैल 2025 तक E20 की चरणबद्ध आपूर्ती का प्रस्ताव है। इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव का उद्देश्य, भारत के तेल आयात का खर्च और कार्बन डाइऑक्साइड प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करना है। फिलहाल भारत में 8.5 प्रतिशत इथेनॉल, पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है। 2020-2021 में भारत ने लगभग 6300 करोड़ रूपये के लगभग 19 करोड़ 80 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया है। ऐसा अनुमान है कि E20 कार्यक्रम, देश के 30 हजार करोड़ रुपये, प्रति वर्ष बचा सकता है। पिछले साल तेल कंपनियों ने लगभग 21,000 करोड़ रुपये के इथेनॉल की खरीद की, जिससे देश के किसानों और चीनी निर्माण उद्योग को भी काफी लाभ हुआ है। सरकार की योजना, पानी बचाने वाली फसलों, जैसे कि मक्का आदि से इथेनॉल उत्पादन करने और गैर-खाद्य फीडस्टॉक से इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देने की भी है। ईंधन ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने और सम्मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन के लिए, भारतीय खाद्य निगम के साथ मक्का और चावल के उपयोग की स्वीकृति दी है। इथेनॉल उत्पादन को अधिक किफायती बनाने के अन्य उपायों के तहत, (ईबीपी) यानी पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के तहत, मिश्रण के लिए बने इथेनॉल पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। तो चलिए, विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में हम देखते हैं, कि इथेनॉल को कैसे तैयार किया जाता है। और जैव ईंधन के उत्पादन में कौन—कौन सी वैज्ञानिक प्रक्रियाएं शामिल हैं। हमारी टीम आपको दिखाएगी, कि भारत की पेट्रोलियम कंपनियों के साथ चीनी उद्योग, इतने कम समय में इथेनॉल उत्पादन को लगभग 150 प्रतिशत तक बढ़ाने के, इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए,कैसे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए, हमारे साथ, केवल इंडिया साइंस पर।

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