Bhabha's Contribution and Honor (H)

1954 में डॉ भाभा को विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। अप्सरा और सायरस के शुरु होने के बाद भाभा ने जीरो एनर्जी रिसर्च रिएक्टर ज़रलीना की स्थापना की। डॉ भाभा ने 22 साल तक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की अगुआई की। देश के पहले रॉकेट प्रक्षेपण में भी उन्होंने विक्रम साराभाई का भरपूर सहयोग किया।

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