6 February 2022 - Milk Revolution of India (H)

यह कहानी ऐसे लाखों किसानों की है, जो आज़ाद भारत की डेयरी फार्मिंग क्रांति का हिस्सा हैं। 1940 के दशक में इस क्रान्ति की शुरूआत, भूख और कुपोषण से लड़ने तथा किसानों को सशक्त बनाने के लिए हुई थी। यह कहानी है - भारत की श्वेत क्रांति के जनक, डॉ. वर्गीज़ कुरियन की । जिन्हें "भारत का दूधवाला" और "ऑपरेशन फ्लड" का वास्तुकार भी कहा जाता है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में - हम गुजरात के आणंद शहर में, भारत की दुग्ध क्रांति के केंद्र , खेड़ा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ की यात्रा करेंगे, जहां कभी अमूल डेयरी का जन्म हुआ था - अमूल एक ऐसा मॉडल बन गया है, जिसे पूरे देश में ताजा दूध और उससे बने उत्पाद पहुंचाने के लिए अपनाया गया। अमूल की शुरूआत, दो ग्राम सहकारी समितियों में कुछ किसानों के साथ, एक दिन में लगभग 250 लीटर उत्पादन से शुरू हुई थी। आज इसके लगभग 37 लाख सदस्य हैं और प्रतिदिन 2.5 करोड़ लीटर से अधिक दूध एकत्र किया जाता है। इस विशेष एपिसोड में हम अमूल के इतिहास पर एक विशेष रिपोर्ट में जानेंगे, कि यह सहकारी समिति कैसे चलती है और यह अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे करती है। हम दूध, मक्खन, पनीर, चीज और यहां तक कि चॉकलेट के प्रसंस्करण और निर्माण के पीछे छिपे विज्ञान को भी समझेंगे। इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए, केवल इंडिया साइंस पर।

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