5 September 2021 - Farming The Fish:Cold Water Fishery In Kashmir (H)

कश्मीर में मछली पालन कश्मीर घाटी को, अद्भुत परिदृश्यों, बर्फ से ढके पहाड़ों, पाइन और देवदार के वनों, ताजे पानी के झरनों, ठंडी बर्फीली अविरल बहती नदियों और खूबसूरत झीलों के रूप में असाधारण सुंदरता का उपहार मिला है। कश्मीर में ठंडे पानी की, मछली पालन संस्कृति को बढ़ावा देने वाले, ये सभी जल निकाय ठंडे पानी के संसाधन हैं। वूलर, डल और मानसबल झीलें, पूरे जम्मू और कश्मीर में, कॉमन कार्प, अमूर कार्प और स्किज़ोथोरैक्स प्रजाति या ट्राउट जैसी मछलियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध हैं। इंसानों द्वारा अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन की वजह से, इन मछलियों की कई प्रजातियां संकट में हैं। लेकिन इन मछलियों और कुछ अन्य नई किस्मों के पालन और संरक्षण से, मछली पालन में लगे लोगों की आय को बढ़ाने की अपार संभावनाएं है। यही वजह है, कि भारत सरकार ने पहाड़ी राज्यों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की खाद्य और रोजगार सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम - मिशन कोल्डवाटर फिशरीज डेवलपमेंट एक्शन प्लान शुरू किया है। यह देश भर में किसानों की आय को दोगुना करने के विशाल मिशन का हिस्सा है। विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में हमारी टीम ने, देश में कश्मीर की घाटी के कुछ अनोखे, ठंडे पानी के मछली पालन अनुसंधान स्टेशनों का दौरा किया, इस दौरे का मकसद यह देखना और समझना था कि, देश में ठंडे पानी की मात्स्यिकी को बढ़ावा देने में, वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रबंधन का उपयोग, किस प्रकार किया जा रहा है। इनमें नेशनल फिश सीड, नेशनल फिश फीड फार्म और मछलियों के लिए जम्मू-कश्मीर का पहला एक्वा क्लिनिक भी शामिल है, तो चलिए हमारे साथ इस अद्भुत और अनोखी यात्रा पर।

Related Videos