11 July 2021: Mobile Apps are Transforming Agriculture (H)

कृषि ने सभ्यताओं के काम—काज के तौर—तरीकों को बदल दिया है। अतिरिक्त अनाज ने हमें एक ही स्थान पर बसने, जड़ें जमाने और बढ़ने में मदद की है। आज भी भारत में, कृषि हमारी लगभग 60% आबादी को रोजगार उपलब्ध कराती है। पिछले कुछ दशकों में, भारत ने अपने कृषि उत्पादन को न केवल अपनी आबादी के हिसाब से पर्याप्त रूप से बढ़ाया है , बल्कि निर्यात भी किया है, लेकिन जैसे-जैसे भारत की जनसंख्या बढ़ेगी, तो अनुमान है, कि भारत को 2025 तक 30 करोड़ टन कृषि उत्पादन की मांग, को पूरा करना होगा। लेकिन क्या ये काफी है? क्या हमारे किसान पर्याप्त रूप से समृद्ध हैं? क्या यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था में पर्याप्त योगदान दे रहा है? विज्ञान, किस तरह से कृषि क्षेत्र में उत्पादता बढ़ाने में मदद कर सकता है? विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में देखिए, कि कैसे भारत सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा नए युग के डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जा रहा है, ताकि किसानों को कृषि की नई तकनीक, सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, मौसम, और कीमतों की नवीनतम जानकारी आदि मिल सके। हम आपको राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र में ले जाएगें - ये भारत सरकार के प्रमुख मिशन - डिजिटल इंडिया का एक केंद्र है, जिसने हाल ही में 6 साल पूरे किए हैं - यहाँ हम किसान सुविधा ऐप और किसान रथ के बारे में जानकारी देंगे - ये दोनों महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भारत के किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने में उपयोग हो रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको कर्नाटक भी ले जाएंगे और दिखाएंगे, कि कैसे एक निजी कंपनी क्रॉपिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता से किसानों और कृषि व्यवसायों को प्रति एकड़ की उपज में, सुधार करने में मदद कर रही है। इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए, विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस शो में।

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