19 December 2021 - Sugar: Sweet Success of India (H)

क्या आप जानते हैं, कि C12H22O11 किसका फार्मूला है? वैसे आप ये रोज खाते हैं - यह चीनी या सुक्रोज का आणविक सूत्र है। C कार्बन के लिए है, H हाइड्रोजन के लिए और O ऑक्सीजन के लिए है। चीनी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। अपने आर्थिक महत्व के अलावा, चीनी की भारत में अत्यधिक सांस्कृतिक प्रासंगिकता भी है - खुशी का कोई भी मौका, त्यौहार तथा उत्सव पारंपरिक मिठाइयों के बिना पूरा नहीं होता है। हांलाकि गुड़ भारत सदियों से बन रहा है, रिफाइंड क्रिस्टलाइज्ड सफेद चीनी का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन, 1900 की शुरुआत में आरंभ हुआ। लगभग 120 वर्षों में गन्ने की खेती भारत की मुख्य नकदी फसलों में से एक के रूप में विकसित हुई है। अब पूरे भारत में 700 से अधिक चीनी मिलें इसका उत्पादन करती हैं। गन्ने और उसके रस से कई अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं, जबकि ये चीनी और गुड़ का मुख्य स्रोत है, इथेनॉल के उत्पादन के लिए कच्चा माल भी, गन्ने से ही मिलता है। भारत सरकार ने 2023-24 तक, पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर, पेट्रोलियम पर देश की निर्भरता को कम करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में ऐसे वाहन भी शामिल हैं, जो ईंधन के रूप में 100 प्रतिशत इथेनॉल का उपयोग करेंगे। दो भागों की इस श्रृंखला में हम एक ऐसी चीनी मिल की यात्रा करेंगें, जो भारत की सबसे बड़ी और आधुनिक चीनी मिलों में शुमार है - हम हरियाणा के यमुना नगर की सरस्वती चीनी मिल में देखेंगे, कि वैज्ञानिक प्रक्रिया से गन्ने के रस को कैसे चीनी में बदला जाता है। साथ ही हम इसके पूरे यांत्रिक पारिस्थितिकी तंत्र को समझेंगे कि आखिर चीनी उद्योग, भारत के आत्मनिर्भर मिशन का अहम भाग क्यों है ? अगले एपिसोड में हम देखेंगे कि इथेनॉल का उत्पादन कैसे होता है और इंडियन ऑयल जैसी भारत की पेट्रोलियम कंपनियां, पेट्रोल में इथेनॉल के, 20% मिश्रण के सरकारी लक्ष्य को तक पूरा करने के लिए कैसे काम कर रही हैं। इसके अलावा और भी काफी कुछ देखिए, विज्ञान से आत्मनिर्भर भारत के इस एपिसोड में।

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